ishq shayari – दोस्तो आज हम आप सभी के लिए 600+ ishq shayari in hindi मे लेकर आए हैं
इश्क़ का इज़हार करने के लिए ये शायरीय आप के बहुत काम आने वाली हैं क्योकि इश्क़ एक ऐसा नशा हैं जिसको होता हैं वो हमेशा प्यार के नशे मे होता हैं
आप सभी अपने इश्क़ ओर प्यार की बाते इन शयरिओ के माध्यम से कर सकते हैं
Short love shayari in English | Short love shayari | 2 Line Love Shayari in Hindi | 600+ दो लाइन की लव शायरी |
ishq shayari
कौन कहता है अरेंज मैरिज
में प्यार कम होता है
अगर निभाने वाला हो
तो इश्क बेशुमार होता है..!!
सुकून है मेरी जिंदगी में तेरे आने से
मोहब्बत गहरी होती जा रही है
मेरी तेरी बाहो में आने से.!
उन्हे देखकर एहसास हुआ
कोई है जो सिर्फ हमारा है
दूर होकर भी मेरे दिल में बसा है..!!
इश्क़ है या कुछ और ये तो
पता नहीं पर जो तुमसे है
वो किसी और से नही!
अब ओर किन लफ्जों से बयान करूं
मैं तारीफ तुम्हारी क्या ये कम है कि
ताज को भी झुका दिया तारीफ में तुम्हारी.!!
चलते तो हैं वो साथ मेरे
पर अदाज देखिए जैसे की इश्क
करके वो एहसान कर रहें है !
मेरा इकरार नही मिलता
फिर ये इजहार नही मिलता
थाम लेना तुम हाथ मेरा
दोबारा ये प्यार नही मिलता.!!
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क
वालों का कभी नज़रें उससे क्या मिलीं
आज खुद कटघरे में हूँ !
क्यो इश्क की उम्र नही होती
वो आग है जो कम नही होती
दरमियां हो दूरियां चाहे जितनी
क्यो नज़दीकियां कम नही होती.!!
कुछ तो शराफत सीख ले मोहब्बत तू शराब से
बोतल पर कम से कम लिखा तो होता है
कि मैं जानलेवा हूं..!!
इन झोपड़ियो में कहां बसता है तेरा इश्क
तू तो महलो की शहजादी है
हमसे नही होगा पूरा यही रिस्क.!!
मेरा बस चले तो
मैं आपको कभी भी पल भर के
लिए भी खुद से दूर ना जाने दू.!!
इश्क एक नशा है दिल की चाहत है
दिलों का सरूर प्यार हो जाता है
नजरों से किसकी खता किसका कसूर !
तुम चाहो अगर तो लिख दो
इश्क़ मेरी तकदीर में
तुमसे खूबसूरत इबादत तो
जन्नत में भी नही!
ishq shayari in hindi
इसमें इश्क़ की किस्मत
भी बदल सकती थी,
जो वक़्त बीत गया
मुझको आजमाने में।
क़र्ज़ चढ़ गया है अब
तुम पर मेरे प्यार का,
तो सवाल ही नहीं उठता
तुम्हारे इंकार का।
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे
भी मोहब्बत हो,
लेकिन तुम्हारी एक नज़र ने
हमे नीलाम कर दिया…
अपनों की महफिल में गैर भी
हैं इश्क के दुश्मन
और भी हैं मैं तो चाहता हूँ
आपको मगर आपके चाहने
वाले और भी हैं !
दिल की हसरत मेरी जुबान पे आने लगी,
तूने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी,
ये इश्क़ की इन्तहा थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में सूरत तेरी नजर आने लगी।
सांसो को प्यारी आप की चाहत
धड़कनो को प्यारी आपकी मोहब्बत
जिंदगी को प्यारी आप की मुस्कुराहट।
हर दिन याद कर
हाज़िरी लगा देते है,
तुम्हारे दिल में पल रहे
हमारे इश्क़ की।
ये इश्क भी शराब
का नशा जैसा है दोस्तों,
करें तो मर जाएँ
और छोड़े तो किधर जाएँ।
होशवालों को खबर क्या
कि बेखुदी क्या चीज़ है,
इश्क़ कीजिये फिर समझिये
कि ज़िंदगी क्या चीज़ है।
तेरे इश्क़ में हर इम्तिहान दे देंगे
हमे है तुमसे मोहब्बत
सारी दुनिया से कह देंगे !
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
कोहरा-सा बनकर
मेरे दिल पे छा गए हो,
तुम्हारे सिवाय कुछ
दिखता ही नहीं।
किया इश्क़ ने मेरा हाल कुछ ऐसा,
ना अपनी है खबर ना दिल का पता है,
कसूरवार था मेरा ये दौर-ए-जवानी,
मैं समझता रहा सनम की खता है।
ishq mohabbat shayari
इश्क एक नशा है दिल की चाहत है
दिलों का सरूर प्यार हो जाता है
नजरों से किसकी खता किसका कसूर।
इश्क़ में इसलिए धोखा
खाने लगे हैं लोग
दिल की जगह जिस्म
को चाहने लगे हैं लोग।
महफिलों में भी वो
और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है,
क्या इश्क़ की हर घडी में
ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है।
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी
पहले पागल किया फिर पागल कहा
फिर पागल समझ कर छोड़ दिया।
थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए,
हमारा दिल नहीं बना
तुमसे दूर रहने के लिए।
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है
जो इस को जन लेता है
ये उसकी जन लेता है
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर,
ये कल भी तकलीफ देता था
ये आज भी तकलीफ देता है.
बंद कर दिए हैं हमने तो
दरवाजे इश्क के
पर कमबख़्त तेरी यादें तो
दरारों से ही चली आई..
इश्क की गहराईयों में..
खूबसूरत क्या है..!!
एक मैं हूँ, एक तुम हो
और ज़रुरत क्या है..!!
रब ना करें इश्क की कमी किसी
को सताए प्यार करो उसी से
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए
सीने में जलन आँखों में
तूफ़ान क्यों होता है,
इस आशिकी में हर
आदमी परेशान क्यों होता है।
जज़्बा ए इश्क़ सलामत है
तो इंशा अल्लाह
कच्चे धागे से चले आएँगे सरकार बंधे।
जरुरी तो नहीं, हर चाहत का मतलब इश्क हो,
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी…
दिल बेचैन हो जाता है…!!!!
कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का
वो बा-इज़्ज़त बरी है
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये
कुछ बूंदें तो गिरा
प्यार की दिल जमीन पर,
बड़ी आग लगी है
दिल में सब कुछ लुटाकर।
हर वक़्त फ़िराक में रहता है,
ये मेरा इश्क़ तुमसे
मिलने को कहता है।
2 line ishq shayari
ऐ इश्क मुझे अब और जख्म चाहिये…!!
मेरी शायरी मे अब वो बात नही रही…!!
इश्क सूफी है ना मुफ्ती है ना आलीम है
ये जालीम है बहूत जालीम है फकत जालीम है
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा !
जाने कब उतरेगा क़र्ज़ उसकी मोहब्बत का . .
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरते हैँ
सख़्त काफ़िर था जिन ने पहले
मज़हब ए इश्क़ इख़्तियार किया।
राह ए दूर ए इश्क़ में रोता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या!
तुम्हारे इश्क़ का मौसम
हर मौसम से सुहाना होता है !
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता!
इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है
जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा
इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा
देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है,
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !
चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है।
आज कुछ लिखने की फ़िराक में हूँ,
आज सुबह ही मुझे इश्क़ हुआ है।
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है !
आज तो बेसबब उदास है
दिल इश्क होता तो कोई बात भी थी।
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से
वो होता है और हो कर ही रहता है !
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझ से
क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझ से !
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है !
ishq shayari hindi
बादशाह थे हम अपनी मिजाज ए मस्ती के
इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया!
इन आंखों की गहराइयों में छुपी है कई कहानियां
मेरे सांसों में बसी है सिर्फ तेरे ही इश्क की रूहानिया..!!
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है
जो इस को जन लेता है ये उसकी जान लेता है !
अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना
अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी!
इश्क़ इक भारी पत्थर है
कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है!
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई !
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे
एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे !
इश्क का तो पता नहीं पर
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
तेरे इश्क़ में हर इम्तिहान दे देंगे
हमे है तुमसे मोहब्बत सारी दुनिया से कह देंगे !
वो पल मेरी जिंदगी के बड़े ही रोमांटिक होते है
जब तेरे लबों पर मेरे मोहब्बत के जाम होते है.!!
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते
फिर भी महसूस होते है।
मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शौहरत
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले !
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा !
तेरी मुस्कान पर ये दिल दीवाना हो गया
तेरी मोहब्बत में मैं फना हो गया.!!
रब ना करें इश्क की कमी किसी
को सताए प्यार करो उसी से
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है !
mohabbat ishq shayari
खोया हुआ है आजकल सितारों की महफिल में
मेरा चांद मुझसे बेइंतहा इश्क कर बैठा है..!!
हमसफर ऐसा होना चाहिए जनाब जो
वक्त के साथ ओर भी समझदार हो जाए..!!
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है !
इतनी मोहब्बत तो
मैंने खुद से भी नही की है
जितनी सनम मुझे तुमसे हो गयी है.!!
अपनों की महफिल में गैर भी हैं इश्क के दुश्मन
और भी हैं मैं तो चाहता हूँ आपको मगर आपके चाहने
वाले और भी हैं !
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है !
शमा जली है मोहब्बत की परवाने पास आएंगे
माशूक निकले हैं सज धज कर अब इश्क़ का माहोल बनाएंगे !
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की
मेरे खत तुम सरे आम जलाया ना करो !
हम इस कदर तुम पर मर मिटेंगे
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे!
मेरे लिए प्यार के मायने बस इतने से है
कि तुम मेरे दिल में रहो
और मैं तुम्हारे ख्वाबो में रहूं..!
इश्क का तो पता नहीं पर
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता!
क्या कहूँ तुमसे मैं क्या है इश्क
जान का रोग है बला है इश्क!
चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है!
दिल कितना भी उदास क्यो ना हो मेरा
तुम्हारा मुझे संभाल लेना सुकून देता है..!
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो!
कुछ खेल नहीं है इश्क़ करना
ये ज़िंदगी भर का रत जगा है!
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे
उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे !
ishq ki shayari
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है,
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !
इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं,
मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है।
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे
एहसासों के साथ-साथ
उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे !
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे!
इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे
सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!
आपसे रूठ कर आपको ही सोचते रहना
हमें तो ठीक से नाराज होना भी
नही आता आपकी मोहब्बत में..!!
पर्वतों से भी ऊंचा आसमा है
समुंदर से गहरा है अपना प्यार
दिल चीर के देख लेना सनम
लिखा होगा सिर्फ तेरा ही नाम..!!
शिद्दत से चाहो जिसे भगवान
उन्हे मिलाता जरूर है
कर्म करो तो फल मिलेगा
ये बात सच जरूर है..!!
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है…
एक ख़लिश सी रह गयी दिल में,
मुझ जैसा इश्क़ करता, मुझ से भी कोई!
हम एस कदर तुम पर मर मिटेंगे
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे
इश्क का तो पता नहीं पर
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
मैं भी हुआ करता था
वकील इश्क वालों का कभी….
नज़रें उस से क्या मिलीं
आज खुद कटघरे में हूँ….
ishq shayari gulzar
इश्क़ का रोग कुछ ऐसा लगा है,
कि लोग क्या कहेंगे
अब मतलब नहीं रहा है।
जा और कोई ज़ब्त
की दुनिया तलाश कर
ऐ इश्क़ हम तो
अब तेरे काबिल नहीं रहे।
उसी से पूछ लो
उसके इश्क की कीमत,
हम तो बस भरोसे पे बिक गए।
वो कहते है कि
भूल जाओ पुरानी बातो को,
कोई उसे समझाए कि
इश्क़ पुराना नहीं होता।
मेरे इश्क़ से मिली है ,,
तेरे हुस्न को ये शौहरत ,
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था
मेरी दीवानगी से पहले ,,
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए.
आऊं तो सुबह,
जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,
बर्फ पड़े तो
बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए
जिन दिनों आप रहते थे,
आंख में धूप रहती थी
अब तो जाले ही जाले हैं,
ये भी जाने ही वाले हैं.
जबसे तुम्हारे नाम की
मिसरी होंठ लगाई है
मीठा सा गम है,
और मीठी सी तन्हाई है.
मेरा ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो
तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक
अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं
तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे
तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं
ishq wali shayari
भटक जाते हैं लोग अक्सर
इश्क़ की गलियों में,
इस सफर का कोई इक
नक्शा तो होना चाहिए।
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो
इश्क है वही जो हो एक तरफा;
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है;
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ;
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
चलते तो हैं वो साथ मेरे
पर अदाज देखिए जैसे की इश्क
करके वो एहसान कर रहें है !
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते
फिर भी महसूस होते है।
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा
आदमी काम का नहीं होता।
एहसान एक कर,
मिला कर नजरों से नजर,
कभी हकीकत में भी
आ ख्वाबों से निकलकर।
जितना तुम्हारा दीदार होता है,
मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।
इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो।
क्या कहूँ तुमसे मैं क्या है इश्क
जान का रोग है बला है इश्क!
गलत सुना था कि,
इश्क़ आँखों से होता हे
दिल तो वो भी ले जाते है,
जो पलके तक नही उठाते हे
कोई समझे तो एक बात कहूँ
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं!
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे,
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं….!!!!
ऐ इश्क!!
तेरा वकील बनके बुरा किया मैंने
यहां हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है
तेरे ख़त में इश्क की गवाही आज भी है,
हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही आज भी है।।
साहिब ए अकल हो तो एक मशविरा तो दो
एहतियात से इश्क करुं या इश्क से एहतियात!
तू यकीन करें या ना करें….
तेरे साथ से मैं सवर गई….
तेरे इश्क के जूनून मे……
मैं सारी हदों से गुजर गई.
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे!
shayari ishq
प्यार करना सीखा है नफरतो का कोई ठौर नही
बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही!
कितनी मासुम है दिल की
ख्वाहिश…….
इश्क भी करना चाहता है और
खुश भी रहना चाहता है…..!
किसी ने पूछा कभी इश्क हुआ था
हम मुस्कुरा के बोले आज भी है!
तेरी बातों में जिक्र मेरा….
मेरी बातों में जिक्र तेरा….
अजब सा ये इश्क हैं….
ना तु मेरी ना मैं तेरा
वो कहते है भूल जाओ पुरानी बातों को…..
कोई उसे समझाये कि इश्क़ कभी पुराना नहीं होता..||||
आग थे इब्तिदा ए इश्क़ में हम
अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये!
इश्क़ इक भारी पत्थर है
कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है!
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी….!!
बर्बाद हो गए तेरे इश्क में
हम बड़ी खामोशी के साथ….!!
आज कोई गज़ल तेरे नाम ना हो जाए
आज कही लिखते लिखते शाम ना हो जाए!
दिल इश्क से
बंधा हुआ एक
जिद्दी परिंदा है !
उम्मीदों से ही घायल है
उम्मीदों पर ही जिंदा !!
हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत…!!
इश्क अगर रूह से हो तो
हर चेहरा कमाल लगता है…!!
अजब चिराग हूँ दिन रात जलता रहता हूँ
थक गया हूँ मैं हवा से कहो बुझाए मुझे।
इश्क का रोग है जाता नहीं कसम से
गले में डालकर सारे ताबीज देखे मैंने!
सुनो मुझे इश्क़ हुआ है
दूर रहना तुम हमसे सुना है
ये मर्ज छूने से बढ़ जाता है !
खुदा तू इश्क न करना
वरना बहुत पछतायेगा
हम तो मर के तेरे पास आयेंगे
तू कहाँ जायेगा!
ज़मीन से आसमान तक
इश्क़ का ही बोल बाला है
इश्क़ के करने का लेकिन
सभी का ढंग निराला है!
adhura ishq shayari
वो जितना मुझे
पलके उठा देख लेते है,
उतना ही मैं नीलम हो जाता हूँ।
महफ़िल सजी है सनम भी ऑनलाइन हैं
हम कंफ्यूज हैं इश्क़ करे या शायरी।
तुझसे ना मिलने की तड़प
कुछ ऐसी है कि,
जैसे मेरी सांस में सांस ना हो।
चाहने की वजह कुछ भी नहीं ,
बस इश्क
की फितरत है, बे- वजह होना… . !!
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं!
इन आँखो में कैद थे गुनाह ए
इश्क कि सजा के बेहिसाब आंसु….
तेरी यादों ने आकर उनकी जमानत कर दी….
आधे से कुछ ज्यादा है,
पूरे से कुछ कम…
कुछ जिंदगी… कुछ गम,
कुछ इश्क… कुछ हम…
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने !
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग,
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग.
मुक़म्मल ना सही अधूरा ही रहने दो
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं !
इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के!
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा..!
एहसास की एहमियत होती है…!।
शमा जली है मोहब्बत की परवाने पास आएंगे
माशूक निकले हैं सज धज कर
अब इश्क़ का माहोल बनाएंगे !
हर वक़्त फ़िराकमें रहता है ये मेरा इश्क़
तुमसे मिलने को कहता है !
प्यार का पहला इश्क़ का दूसरा
मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है
इसलिए हम तुम्हे चाहते है
क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है ।?
आना तुम्हारा बहार ले आता है,
मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है।
सोच कर पांव डालना इसमें
इश्क दरिया नहीं दलदल है।
बार-बार वो हम पे इलज़ाम लगाते है।
कि वो कितना ही सम्भाले अपना दिल
हम हर दफा चुरा ले जाते है।
ishq e mustafa shayari
जब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फक्र करूँ,
इसमें क्या इश्क की इज्ज़त थी कि रुसवा न हुआ,
वक्त फिर ऐसा भी आया कि उससे मिलते हुए,
कोई आँसू भी ना गिरा कोई तमाशा ना हुआ।
गजल-ए-उल्फत पढ़ लिया करो,
एक खुराक सुबह एक खुराक शाम,
ये वाहिद दवा है जिससे,
बीमारे-इश्क को मिलता है तुरंत आराम।
तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो
या फरेब मेरी आँखों का,
ना दिल से निकलते हो
ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।
नज़रे मिले तो प्यार हो जाता है
पलके उठे तो इज़हार हो जाता है
ना जाने क्या कशिश है चाहत मैं
के कोई अंजान भी
हमारी ज़िंदगी का हक़दार हो जाता है।
ना रूठना ना मनाना,
ना गिला ना शिकवा कर,
गर करना है तो बस इश्क़ कर,
बे-इन्तहा कर।
इश्क शायरी दो लाइन
आना तुम्हारा बहार ले आता है ,
मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है।
हर वक़्त फ़िराक में रहता है ,
ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।
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