barish shayari in hindi | बारिश शायरी

barish shayari – दोस्तो बारिश का मौसम कितना प्यारा होता हैं आप सभी जानते हैं बारिश की जी बुँदे होती हैं उसमे एक अलग ही नशा होता हैं

बारिश का मौसम बहुत ही romantic होता हैं लोग अक्सर बारिश मे अपने साथी हो miss करते हैं

आज हम आप सभी के लिए barish shayari लेकर आए हैं

अब जब भी बारिश हो, तब आप अपने साथी को ये barish की shayari जरूर भेजिये

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barish shayari in hindi

तमाम रात नहाया था शहर बारिश से,
वो रंग उतर ही गये जो उतरने वाले थे।

मौसम में कुछ बदलाव हुआ है,
लगता है खुदा का बारिश करने का मन हुआ है।

सारे इत्रों की खुशबू आज मन्द पड़ गयी,
मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गयी।

बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते है,
बारिश में जिस्म भीगता है
और मोहबब्त में आंखे।

कही फिसल ना जाओ,
ज़रा संभल के रहना
मौसम बारिश का भी है
और मोहब्बत का भी है

बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर,
आज फिर भीग बैठे है उसे पाने की चाहत में।

रहने दो अब तुम भी मुझे पढ़ ना सकोगे,
बरसात में भीगे कागज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।

पता था मुझे बारिश होंगी,
बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने।

सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है।

आंखों की नमी थी या बारिश की बूंदे,
बरसात में सब एक जैसी हो गयी।

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब जब याद आते हो बारिश होती है।

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी,
जब भी मिलती है नई सी लगती है।

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!

पहले रिम-झिम फिर बरसात और अचानक कडी धूप,
मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है!

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में
आपकी तस्वीर नज़र आ गयी ।

shayari on barish

कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है
हमे तुम यूँही पागल मत समझो
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है

ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे
शहर की बारिश में, तेरे यहाँ ‘जाम’
लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं।

आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ
लेते हैं, रोता तो आसमान भी है अपने
बिछड़े प्यार के लिए, पर लोग उसे
बरसात समझ लेते हैं।

बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट
लो, जितना आप समेट पाये उतना आप
हमें चाहते है, और जितना न समेट पाए
उतना हम आप को चाहते है.

क्या तमाशा लगा रखा है तूने ए-बारिश
बरसना ही है , तो जम के बरस वैसे भी
इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज
हुआ करती है.

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे
छूने की चाहत मैं ! हथेलियां तो गीली
हो जाती है पर हाथ खाली ही रह जाते है !!

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।

बनके सावन कहीं वो बरसते रहे इक घटा
के लिए हम तरसते रहेआस्तीनों के साये
में पाला जिन्हें,साँप बनकर वही रोज डसते रहे!

इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद
करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..

अगर भीगने का इतना ही शौक है,
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है,
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए
बरसती है ।

barish sad shayari

बारिश आती है प्यार
बढ़ाने के लिए
मगर आप घर के बाहर
निकलते ही नहीं।

बरिश हो अगर उसमे तुम ना हो
तो फिर बरिश का मजा नहीं आता।

बारिश की बुंदे भी
क्या वफ़ा निभाती है
दूर आसमा से निकल कर
जमी में मिल जाती है।

बदलो को कह दो थोड़ा
धीरे बरसे
अगर उनकी याद आ
तो फिर
सोच लेना हमसे मुकबला
एक तरफ़ा होगा।

तेरे बगैर बरसात में
कब तक भीगु
ऐसे में तो दीवार भी
गिर जाती है।

तुम आए जिंदगी में
बरसात की तरह
और चले गए हसीन
रात की तरह
बातें रही अधूरी और
बिछड़ना पड़ा हमे
है ये भी एक तकलीफ किसी
मुलाकात की तरह।

कहीं गिर ना जाउ मैं
आपको याद करते करते हैं
आज मेरे शहर में
जोरो से बारिश हो रही है।

मुझसे दूर रहना आपकी
मजबूरी है मगर
जानलो बरिश में आपका होना
जरूरी है।

मेरे ख्यालों में वही
ख्वाबो में वही
मगर उनके ज़हन मे
हम है ही नहीं
हम जागते रहे और वो
बेफिक्र सोती रही
एक बरिश ही थी जो हमारे साथ
पूरी रात रोती रही।

कुछ नशा आपकी
बात का है
कुछ नशा धीमी सी
बरसात का है
हम आप युही पागल
मत समझना
दिल पर असर आपसे पहली
मुलकत का है।

तेरी बेवफाई को ओढ़कर
घर से निकला हु आजकल
वरना शोक आज भी है
बारिश में नहाने का।

मट पूछो यारो कितनी
मोहब्बत है मुझे उससे
बरिश की बुंदे उसे छुले
तो दिल में आग लग जाती है।

मुझे मलूम है तुम्हें
बरसात देखनी है
मगर इन आँखों से सावन
भी हार जाता है।

जितनी तू बरसात में नहीं भीगी
उससे ज्यादा मेरे आसुओ ने
मुझे डूबा दिया है।

dosti barish shayari

बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,
आज पूरी हुई उनकी ख्वाहिश,
भीग लो अपनों को याद कर के,
मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश।

कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,
प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है.
तेरी याद कुछ इस तरह आती है.
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है।

आसमान को ज़मीन से मिलने की आस थी,
उदास था आसमान भी ज़मीन भी उदास थी,
बरस गए बादल जल्दी,
ज़मीन कब से इंतज़ार में थी।

बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,
पतझड़ में भी फूल बनकर बिखर जायेंगे,
क्या हुआ जो हम आपको सताते हैं,
कभी आप इन लम्हो ले लिए भी तरस जायेंगे।

इश्क़ करने वाले आँखों की बात समझ लेते हैं,
सपनो में यार आए तो उसे मुलाकात समझ लेते हैं,
रूठता तो आसमान भी है अपनी ज़मीन के लिए,
यह तो लोग ही उसे बरसात समझ लेते है।

जमीन जल चुकी हैं, आसमान बाकी हैं,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तिहान बाकी हैं,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी हैं।

बारिश और शराब शायरी शायरी
ऐ बारिश मेरे अपनो को यह पैगाम देना,
खुशियों का दिन हँसी की शाम देना,
जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को,
तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना।

बारिश और चाय शायरी
क्या मस्त मौसम आया है,
हर तरफ पानी ही पानी लाया है,
तुम घर से बाहर मत निकलना,
वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं,
और मेंढक निकल आया है।

status barish shayari

उस प्यार को हम सच्चा नहीं कहते है,
जिसे बारिश में अपने महबूब की याद ना आये.

आज मेरी पूरी हुई ख्वाहिश,
दिल खुश करने वाली हुई बारिश।

जब-जब बादल बरसता है,
सनम से मिलने को दिल तरसता हैं.

कहीं फिसल ही न जाऊं तेरी याद में चलते-चलते..
रोक अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश का समाँ हैं.

तेरी गलियें में कदम नही रखेंगे हम आज के बाद,
क्योकि कीचड़ हो गया हैं बरसात के बाद…!!!

बारिश हुई और भीग गये हम,
रजनीकांत ने फूँक मारी सूख गये हम.

यदि आप बारिश में भीगने का मजा नही ले रहे हैं
तो बारिश की शायरी पढ़ने का मजा लीजिए.

मेरे शहर का मौसम कितना खुश गंवार हो गया,
लगा जैसे आसमां को जमीन से प्यार हो गया.

हम जागते रहे दुनिया सोती रही,
इक बारिश ही थी, जो मेरे साथ रोती रही.

हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती हैं,
कभी बादल बरसते हैं, कभी आँखे बरसती हैं.

छुप जाएँ कहीं आ कि बहुत तेज़ है बारिश
ये मेरे तिरे जिस्म तो मिट्टी के बने हैं

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल
वरना शौक तो आज भी हैं बारिशो में भीगने का.

अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के पूरे शहर में बरसात हुई.

हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने को
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को

बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई,
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई.

घर में छुपा है, बारिश में भीग जा,
जिंदगी कैसे जीते है, अब सीख जा

barish ki shayari

बूँदे बारिश की यूँ जमीन पर आने लगी,
सोंदी से महक माटी की जगाने लगी,
हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी
वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी.

बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,
पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे,
क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं,
कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे.

आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना हैं,
सपना ये मेरा कितना सुहाना हैं,
बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे,
उन कतरों को अपने होंटों से उठाना हैं.

बारिश के मौसम में
किसान खुश होता है,
अगर उससे उसके खेतों
की सिचाई होती है. भले
ही घर की छत टपकती है.

सड़कों पर जमा पानी देखकर
शहर की बारिश का पता चलता है,
जब गाँव में बारिश होती है
तब बाग़-बगीचों और खेतों में
हरियाली ही हरियाली नजर आती है.

बारिश का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैं,
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैं,
फ़िज़ा भी सर्द हैं यादें भी ताज़ा हैं
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हैं.

जमीन जल चुकी हैं, आसमान बाकी हैं,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तिहान बाकी हैं,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी हैं.

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत,
अगर धुल गयी सारी गलतफहमियाँ,
तो बहुत याद आयेंगें हम.

barish romantic shayari

तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमग्न हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं।

ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए,
बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।

कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तुम यूँही पागल मत समझो
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।

ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर।

दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।

ये मौसम भी क्या रंग लाया है,
साथ हवा और घटाएं लाया है,
मिट्टी की खुशबू फैलाये सावन आया है,
दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है।

बारिश पर रोमांटिक शायरी
बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस क़दर है,
वो बरश्ता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है।

ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब,
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है,
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग,
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।

वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है,
वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है।

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी,
जब भी मिलती है नई सी लगती है।

न कोई छत्रछाया है,
न कोई मोह माया है,
बारिश से ज्यादा तो मुझको
तेरी यादों ने भिगाया है।

बादलों को गुरुर था कि वो उच्चाई पे है,
जब बारिश हुई तो उसे ज़मीन की मिट्टी ही रास आयी।

हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है,
और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।

barish par shayari

रास्तो में सफर करने का मज़ा
तब आता हे जब
बारिश का सुहाना मौसम हो
जाता हे। …

मासूम मोहब्बत का बस इतना ही
फ़साना हे ,
कागज़ की कश्ती और बारिश का
जमाना हे।

बारिश और मोहब्बत दोनों
ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हे और
मोहब्बत में आँखे।
मुलाकात शायरी

एक हम ही हे जो इश्क की
बारिश करते हे,
और एक वो हे जो भीगने
को तैयार ही नहीं।

कभी बेपनाह बरस पड़ी
कभी गुम सी हे ,
ये बारिश भी कुछ – कुछ तुम्हारी
जैसी हे।

बनके सावन वो कही बरसते रहे
इक घटा के लिए हम तरसते रहे
आस्तीनों के छाए में पाला जिनको
साँप बनके वही रोज डसते रहे।

कही फिसल न जाओ
जरा संभाल कर चलना
मौसम बारिश का भी हे और
मोहब्बत का भी।

खुद को इतना भी ना बचाया कर
ए दोस्त ,
बारिश हुए तो भीग जाए कर।

बारिश का ये मौसम कुछ
याद दिलाता हे,
किसी के साथ होने का
एहसास जगाता हे
ये मौसम किसी की प्यार
दिल में जगाता हे।

बरस रही थी बारिश बहार
और वो भीग रही थी मुझ मे

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हु
में आजकल,
वरना शौक तो आज भी हे
बारिश में भीगने का।

जिनके पास सिक्के थे वो
मज़े से भीगते रहे बारिश में
जिनके पास नोट थे
वो छत तलाशते हुए रह गए।

Barish Shayari in English

We don’t call that love true,
Who does not remember his beloved in the rain?

Today my wish has come true,
Heartwarming rain.

Whenever the clouds rain,
My heart yearns to meet Sanam.

Let me not slip somewhere while walking in your remembrance.
Stop your memories are like rain in my city.

We will not step into your streets after today,
Because it has become mud after the rain…!!!

It rained and we got wet,
Rajinikanth blew us dry.

If you’re not enjoying getting wet in the rain
So enjoy reading the poetry of rain.

How happy the weather in my city has become,
It felt as if the sky had fallen in love with the ground.

We kept awake, the world kept sleeping,
It was only rain, which kept crying with me.

Come to our city, it is always raining,
Sometimes clouds rain eyes rain.

Hide somewhere that it’s raining very hard
My body is made of clay

I come out of the house wearing compulsions nowadays
Otherwise, the hobby is still there to get wet in the rain.

Now this mischief happened to me in Sawan,
It rained all over the city except at my house.

Surprised by the sight of the rain
How far has it come to shake hands with the sand

In the wet nights of rain, again some pleasant memory was remembered,
Some remembered their era, some remembered their youth.

Hiding in the house, getting wet in the rain,
How to live life, learn now

barish love shayari

आज बादल काले घने हैं
आज चाँद पे लाखों पहरे हैं
कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के
बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में
चलते चलते अपनी यादों को रोको
मेरे शहर में बारिश हो रही है!!

मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,एक
बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।

सावन का मौसम जब भी धरती से
मिलने आता है तब तब अपनी तड़प
का दास्ताँ बरस कर सुनाता है
क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे
जिसको दिल चाहे क्यों।

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।

कितना अधूरा लगता है तब,जब बादल हो
पर बारिश ना हो,जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,और जब कोई
अपना हो पर साथ ना हो.
हम ख़ास तो नहीं मगर बारिश की उन
कतरों की तरह अनमोल हैं,
जो मिट्टी में समां जायें तो फिर कभी नहीं
मिला करते।

यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो,
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,
मगर मुझको लौटा दो वह बचपन का सावन,
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी।

ए बारिश ज़रा थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस,
पहले न बरस की वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके।

barish pe Shayari

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का
हर एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और
संग तुम चाहिए।

उसे बारिश पसंद हे और मुझे
बारिश में वो

कल रात मैने सारे गम
आसमान को सुना दिए
आज में चुप हु और आसमान
बरस रहा हे

हमें बारिश इसलिए पसंद हे
क्योकि बारिश में हम दिल खोलकर
रो सकते हे और किसी को
पता भी नहीं चलता

ये बारिश तू इतना न बरस
की वो आ न सके
और उसके आने के बाद
इतना बरस की वो जा न सके।

जरा ठहरो की बारिश हे
यह थम जाये तो फिर जाना
किसी का तुम को छू लेना
मुझे अच्छा नहीं लगता।

अगर मेरी चाहते के मुताबिक़
ज़माने में हर बात होती
तो बस में होता और वो होती
और सारि रात बरसाद होती।

अब तू ही बता की किस कोने में
सुखाऊ तेरी यादे ,
बरसाद बहार भी हे और
भीतर भी हे।

barish par shayari in hindi

आज बारिश में तेरे संग नहाना हे
सपना ये मेरा कितना सुहाना हे
बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठों पै
उन्हें अपने होठों से उठाना हे।

आपको बारिश पसंद हे
मुझे बारिश में तुम
तुम्हे हसना पसंद हे
मुझे हसते हुए तुम
तुम्हे बोलना पसंद हे
मुझे बोलते हुए तुम
तुम्हे सब कुछ पसंद हे
और मुझे बस तुम।

आज आई बारिश तो याद
आया वो जमाना,
वो तेरा छत पर रहना और
मेरा सड़को पर नहाना।

कुछ नशा तो आपकी बात का हे
कुछ नशा तो धीमी बरसात का हे
हमें आप युही शराबी ना कहिए
इस दिल पर असर तो आप से की
मुलाकात का भी हे।

बारिश की बूंदो में झलकती हे
उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे उसे
पाने की चाहत में

बारिश का ये सुहाना मौसम कूच याद दिलाता हे
किसी के साथ होने का एहसान दिलाता हे
फ़िज़ा भी सर्द हे यादें भी ताज़ी हे
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हे

एक तो ये रात और ऊपर से ये बरसाद
इक तो साथ नहीं हे तेरा और दर्द बेहिसाब
कितनी अजीब सी हे ये बात
मेरे ही बस में नहीं मेरे हालात

कुछ तो चाहत रही होंगी
इस बारिश की बूंदो की
वर्ना कौन गिरता हे जमीन पर
आसमान तक पहुंचने के बाद

मौसम हे बारिश का और
याद तुम्हारी आती हे
बारिश के हर कतरे से सिर्फ
तुम्हारी आवाज़ आती हे।

न जाने क्यू अभी आपकी याद गइ
मौसम क्या बदला बरसाद सी आ गइ
मेने छूकर देखा बूंदो को तो
हर बून्द में आपकी तस्वीर आ गइ।

वो मेरे रूबरू आया भी तो
बरसाद के मौसम में
मेरे आंसू बह रहे थे और वो
बरसाद समझ बैठा।

gulzar barish shayari

बारिश आने से पहले
बारिश से बचने की तैयारी जारी है
सारी दरारें बन्द कर ली हैं
और लीप के छत, अब छतरी भी मढ़वा ली है
खिड़की जो खुलती है बाहर
उसके ऊपर भी एक छज्जा खींच दिया है
मेन सड़क से गली में होकर, दरवाज़े तक आता रास्ता
बजरी-मिट्टी डाल के उसको कूट रहे हैं !
यहीं कहीं कुछ गड़हों में
बारिश आती है तो पानी भर जाता है
जूते पाँव, पाँएचे सब सन जाते हैं

गले न पड़ जाए सतरंगी
भीग न जाएँ बादल से
सावन से बच कर जीते हैं
बारिश आने से पहले
बारिश से बचने की तैयारी जारी है !

अकेले हम ही शामिल नहीं
इस जुर्म में,
नज़रे जब मिली तो मुस्कराए
तुम भी थे ! 🍁

होगी तुम्हारे पास ज़माने
भर की डिग्रीया,
छलकती आँखों को ना पढ़ पाए
तो अनपढ़ हो तुम ! 🍁

नफरत भी नहीं हैं 🌿गुस्सा हु ,
पर तेरी ज़िंदगी का अब हिस्सा भी नहीं हूँ ! 🍁

बड़े अजीब से हो गए हैं 🌿रिश्ते आज कल ,
सब फुर्सत में हैं 🌿लेकिन वक्त किसी के पास नहीं ! 🍁

खामोशिया बोल देती हैं 🌿
जिनकी बाटे नहीं होती ,
इश्क़ तो वो करते हैं 🌿
जिनकी मुलाकते नहीं होती ! 🍁

चलती हैं 🌿दिल के शहर में ,
यूँ हुकूमत उनकी,
बस जो भी उसने कह दिया,
दस्तूर हो गया

जरूरी नहीं हर रिश्ते को
मोहब्बत का नाम दिया जाये
कुछ रिश्तो के जज्बात
मोहब्बत से बढ़कर होते हैं 🌿!

barish shayari urdu

ہم اس محبت کو سچا نہیں کہتے
جو بارش میں اپنے محبوب کو یاد نہیں کرتا۔

آج میری خواہش پوری ہوئی،
دل دہلا دینے والی بارش۔

جب بھی بادل برستے ہیں،
صنم سے ملنے کو دل ترستا ہے۔

تیری یاد میں چلتے چلتے کہیں پھسل نہ جاؤں..
روک تیری یادیں بارش کی طرح ہیں میرے شہر میں

آج کے بعد ہم تیری گلیوں میں قدم نہیں رکھیں گے
کیونکہ بارش کے بعد کیچڑ بن گیا ہے…!!!

بارش ہوئی اور ہم بھیگ گئے،
رجنی کانت نے ہمیں خشک کر دیا۔

اگر آپ بارش میں بھیگنے سے لطف اندوز نہیں ہو رہے ہیں۔
تو بارش کی شاعری پڑھ کر لطف اندوز ہوں۔

کتنا خوشگوار ہو گیا ہے میرے شہر کا موسم
یوں لگا جیسے آسمان زمین سے پیار کر گیا ہو۔

ہم جاگتے رہے دنیا سوتی رہی
بس بارش تھی جو میرے ساتھ روتی رہی۔

ہمارے شہر میں آو ہمیشہ بارش ہوتی ہے
کبھی بادل برستے ہیں، کبھی آنکھیں برستی ہیں۔

کہیں چھپ جائیں کہ بارش ہو رہی ہے۔
میرا جسم مٹی سے بنا ہے۔

آج کل مجبوریاں پہن کر گھر سے نکلتا ہوں۔
ورنہ شوق ابھی باقی ہے بارش میں بھیگنے کا۔

اب یہ شرارت ساون میں میرے ساتھ ہوئی،
میرے گھر کے علاوہ پورے شہر میں بارش ہوئی۔

بارش کو دیکھ کر حیران رہ گئے۔
ریت سے ہاتھ ملانا کہاں تک آ گیا ہے۔

بارش کی بھیگی راتوں میں پھر سے کوئی خوشگوار یاد یاد آئی
کسی کو اپنا دور یاد آیا، کسی کو اپنی جوانی یاد آئی۔

گھر میں چھپ کر بارش میں بھیگنا
زندگی کیسے گزاری جائے، اب سیکھیں۔

barish shayari ghalib

तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है

भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है

साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को ‘अंजुम’
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई

धूप सा रंग है और खुद है वो छाँवो जैसा
उसकी पायल में बरसात का मौसम छनके

शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,
मेरे अन्दर बारिश होती रहती है

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई

याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था

बादलों से कह दो, जरा सोच समझ कर
बरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी,
तो मुकाबला बराबरी का होगा ।

बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी
याद आई कुछ अपना ज़माना याद आया
कुछ उनकी जवानी याद आई,

मेरे घर की मुफलिसी को देख कर
बदनसीबी सर पटकती रह गई
और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद
छत कई दिन तक टपकती रही रह गई.

ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!

मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ

बादलों को आता देख के मुस्कुरा लिया होगा,
कुछ न कुछ मस्ती में गुनगुना लिया होगा,
ऊपर वाले का शुक्र अदा किया बारिश के
होने से, के इस बहाने तुमने नहा लिया होगा ।

barish shayari gulzar

ज़रा ठहरो बारिश थम जाये
तो फिर चले जाना
किसी का तुझ को छू लेना
मुझे अच्छा नहीं लगता

मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!

जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!

हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,
अब याद आते हो तो बारिश होती है

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।

सुना है बारिश मे दुआ क़ुबूल होती है
अगर इज़ाज़त हो तो मांग लू तुम्हे

कभी जी भर के बरसना
कभी बूंद बूंद के लिए तरसाना
ए बारिश तेरी आदतें
मेरे यार जैसी हैं

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है!

barish shayari in urdu

آج بادل گہرے ہیں۔
آج چاند پر لاکھوں محافظ ہیں۔
آپ کی یادوں کے کچھ ٹکڑے
دل میں دیر تک رہنا

میرے خیالوں میں وہی میرے خوابوں میں
مگر ہم اس کی یادوں میں نہیں تھے
ہم جاگتے رہے دنیا سوتی رہی
بس ایک بارش تھی جو ہمارے ساتھ روتی رہی۔

وہ برسات میں بھی میرے پاس آئے
میرے آنسو بہہ رہے تھے اور اس نے اسے بارش سمجھ لیا۔

مجھے بارش کا یہ موسم اب اچھا نہیں لگتا
میرے بھیگنے کے لیے آنسو ہی کافی ہیں۔

اس کی یادوں کے قطرے پھر برسے
زندگی کی مٹی مہکنے لگی ہے۔

کاش کسی کو اس طرح کا علم ہوتا
میری زندگی سے،
کہ میں بارش میں بھی روتا ہوں اور
وہ میرے آنسو پڑھ سکتا ہے۔

رہنے دو کہ اب تم بھی مجھے نہ پڑھ پاؤ گے
میں بارش میں کاغذ کی طرح بھیگ گیا۔

آج بارش میں بھیگنے دو
آج بوندوں کو برسنے دو
آج خود کو مت روکو
آج اس دل کو بھیگنے دو۔

रिमझिम बारिश शायरी

तेरे शहर में आये बरसात हो गई !!
फिर एक अजनबी से मुलाक़ात हो गई !!

वो मेरे रूबरू आया तो भी तो
बरसातके मौसम में
मेरे आँसु बह रहेथे और वो मौसम
बरसात समझ बैठा।

बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर ‘अदम’
बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया

पहली बारिश का नशा ही,
कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही,
सीधा दिल पे असर होता है

आज का मौसम प्यार
का मौसम होना चाहिए
बारिश तो आ जाएगी
बस बादल होना चाहिए.!!

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