khamoshi shayari in hindi | खामोशी शायरी

khamoshi shayari – आज हम आप सभी के लिए khamoshi shayari ले कर आए हैं

दोस्तो जब भी आप का दिल टूट जाता हैं या आप बहुत उदास रहते हैं तो आप को किसी से बात करने का मन नही करता हैं

break up होने के बाद आप बहुत दुखी होते हैं आप को किसी से बात करने का मन नही करेगा ओर sad song सुनने का मन होगा

ओर ऐसी ही खामोशी शायरीय बढ्ने का मन करता हैं

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khamoshi shayari in hindi

जब खामोश आँखो से बात होती है,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं,पता
नही कब दिन और कब रात होती है

खामोशी की भी अपनी एक अलग
ही अहमियत होती है तितलियाँ अपनी
खूबसूरती का बखान नहीं किया करतीं..

अंधेरे में भी सितारे उग आते,
रात चाँदनी रहती है,कहीं
जलन है दिल में मेरे,ये
खामोशी कुछ तो कहती है।

रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं..

खामोशियाँ अक्सर कलम से बयां
नहीं होती, अंधेरा दिल में हो तो
रौशनी से आशना नहीं होती,लाख
जिरह कर लो अल्फाजों में खुद
को ढूंढने की, जले हुए रिश्तों से
मगर रौशन शमा नहीं होती !

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था..

खामोशियाँ वही रही ता-उम्र दरमियाँ,
बस वक़्त के सितम और हसीन होते गए।

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह..

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने
को, मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ
लेती है।

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको
खूब हँसाया, घर की जरूरतों ने मेरे
चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।.

बहुत मजबूर हो जाता है इंसान …
जब वो किसी का हो भी नहीं सकता …
और उसे खो भी नहीं सकता..

जब वो खामोश होती है तब मुझे
दुनिया की सबसे महँगी चीज
उनकी आवाज़ लगती है..

shayari on khamoshi

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.
खामोशी शायरी

चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.

राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.
खामोशी शायरी

रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.

उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.

बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।

लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.

मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.
खामोशी शायरी

बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।

तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.

उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।

dard khamoshi shayari

अल्फाज को रखा है हमने
इश्क के हिफाजत मैं
खामोशी लापरवाह है
अक्सर रिश्ते खो देती हैं..!

मेरी इस खामोशी को
मेरी कमजोरी समझने वालो
बस हमने शौक नही पाना
घाव के निशान देने वालो..!

वो मुकम्मल था मेरी
चाहत ने कही मैं अधूरी थी
उसकी ख़ामोशी में कही..!

तमाम शिकायते
इस दिल की भी है
तुझसे पर किस हक
से नाराजगी जताऊं
बस यही सोचकर हर
बार खामोश रह जाता हूं..!

रह लेती थी खामोश
अक्सर क्योकि
मुझे अपने गमो की
नुमाइश ना मंजूर थी..!

खामोश होंठ अक्सर
कुछ बयान करते है
आंखों से आंसू गुमनाम बह जाते है
लव चाहते है कुछ बोलना पर
उन्हे देखकर खामोश हो जाते है..!

तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए !

मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !

मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !

कुछ तो है हमारे बीच में,
वरना तू खामोश ना होता,
और मैं तेरी खामोशी
पढ़ नहीं रही होती !

चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्तां सुनकर
ख़ामोशी तुम समझोगे नही और
बयां हमसे होगा नही !

rishte khamoshi shayari

जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.

जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.

ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.

दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।

कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.

जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.

जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.

दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.

khamoshi par shayari

ये जो खामोश से जज्बात लिखे है ना
पढ़ना कभी ध्यान से ये चीखते कमाल है…!!!

मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.

क्या लिखूं दिल की हकीकत आरजू बेहोश है
खत पर है आंसू गिरे और कलम खामोश है…!!!

तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.

माचिस के डिबिया जैसी है जिंदगी
और ये पल सारे तीलियों जैसे जला रहे है…!!!

उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.

कौन कहता है खामोशिया खामोश होती है
खामोशिया को खामोश से सुनो
कभी कभी ख़ामोशी वो कह देती है
जिनकी आपको लफ्जो में तलाश होती है…!!!

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.

अब तो जिद हो चुकी है मेरी की
ख़ामोशी को हमेशा के लिए खामोश कर दूँ…!!!

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.

सूरज, चाँद और रौशनी इनमें ही बयां कर देती है
खामोशियाँ पर अधूरी सी रह जाती है
ये गजले मेरी क्यो है ये बेरुखी सी दुनिया..!!!

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।

मुस्कुराने से किसी का किसी से प्यार नहीं होता,
आश लगाने का मतलब सिर्फ इंतजार नहीं होता,
माना खामोश था मै उस वक़्त,
पर मेरी ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता…!!!

जाने क्या ख़ता हुई हमसे,
उनकी याद भी हमसे जलती है,
अब आँसू भी आग उगलते हैं,
ये खामोशी कुछ तो कहती है

sad emotional shayari in hindi on khamoshi

जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।

जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.

तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.

चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर,
खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।

इन ख़ामोश हवाओं में थोड़ी आहट तो हो.
उस बिखरी रूह को हमसे थोड़ी चाहत तो हो…!!!

ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.

मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता,
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं।

ये तुफान यूँ ही नहीं आया है,
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का,
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी…!!!

दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।

खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं,
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं…!!!

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।

कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.

लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में,
मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती।

khamoshi shayari hindi

भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।

जब खामोश आँखो से बात होती है,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं,
पता नही कब दिन और कब रात होती है…!!!

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.

गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।

साँसों को चलनी जिगर को पार करती है,
ख़ामोशी भी बड़े सलीके से वार करती है…!!!

हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है।

मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,
नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.

तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को,
बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में।

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.

अंधेरे में भी सितारे उग आते,
रात चाँदनी रहती है,
कहीं जलन है दिल में मेरे,
ये खामोशी कुछ तो कहती है…!!!

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.

खामोशियाँ अक्सर कलम से बया नहीं होती,
अँधेरा दिल में हो तो रौशनी से आशना नहीं होती,
लाख जिरह कर लो अल्फाज़ो में खुद को ढूंढ़ने की,
जले हुए रिश्तो से मगर रोशन शमा नहीं होती…!!

meri khamoshi shayari

रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.

खामोश कोहरे से भरा झील था
मेरे साथ अक्सर बातें करता था
एक ख़ामोशी के साथ वो देखता था
और कोहरे में अक्सर को जाता था…!!!

बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।

इश्क करने वालों को फुर्सत
कहां जो गम लिखेंगे,कलम
इधर लाओ दोस्तों इन बेवफाओं
के बारे में हम लिखेंगे..

वादियों से सूरज निकल आया है,
फिजाओं में नया रंग छाया है,खामोश
क्यों हो अब तो मुस्कुराओ, आपकी
मुस्कान देखने नया सवेरा आया है..

उसके बिना अब चुपचुप रहना अच्छा लगता है,
ख़ामोशी से दर्द को सहना अच्छा लगता है,
जिस हस्ती की याद में दिन भर आंसू बहते हैं,
सामने उस के कुछ न कहना अच्छा लगता है,
मिल कर उस से बिछड़ न जाऊं डरती रहती हूँ,
इसलिए बस दूर ही रहना अच्छा लगता है…!!!

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.

चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.

khamoshi Shayari in English

When you talk with silent eyes,
That’s how love begins,
You are lost in your own thoughts, know
no when is day and when is night

Silence also has its own distinct
Butterflies have their own importance
Don’t talk about beauty.

Stars rise even in the dark,
The night is moonlit, somewhere
I have jealousy in my heart, this
Silence says something.

The night is gloomy but not silent,
How can I say today I am not conscious again,
I am so immersed in the depth of your eyes
There is a jam in hand but no sense of drinking.

Silences are often written with a pen
If there is no darkness in the heart
There is no hope with light, lakhs
cross-examine yourself in alphabet
To seek, from burnt relationships
But the light does not shine!

There was silence, there was no shadow,
There was no one like me in this city,
Some oppression took away our love from us
We didn’t hurt anyone’s heart.

The silence remained the same as the age differences,
It just became more and more beautiful with the passage of time.

There is a lot of stinging to me, like an arrow,
But I remain silent like in your picture…

She finds a story even in my silence,
It is very clever, this world finds excuses,
Reality is insisting on shattering
to, but every eye then finds the dream pleasant
takes.

my friends in my life
Laughed a lot, the needs of the house-made me
Brought only silence on the face.

Man becomes very compelled…
When it can’t even belong to anyone…
And can’t ever lose it.

me when she’s silent
the most expensive thing in the world
His voice sounds…

khamoshi shayari in urdu

جب تم خاموش آنکھوں سے بات کرتے ہو،
یوں محبت شروع ہوتی ہے
تم اپنی ہی سوچوں میں گم ہو، جان لو
نہیں کب دن ہے اور کب رات ہے۔

خاموشی کی بھی اپنی الگ پہچان ہے۔
تتلیوں کی اپنی اہمیت ہے۔
خوبصورتی کی بات نہ کریں۔

ستارے اندھیرے میں بھی طلوع ہوتے ہیں
رات کہیں چاندنی ہے۔
میرے دل میں حسد ہے، یہ
خاموشی کچھ کہتی ہے۔

رات اندھیری ہے مگر خاموش نہیں
کیسے کہوں آج پھر ہوش نہیں
میں تیری آنکھوں کی گہرائیوں میں ڈوبا ہوا ہوں۔
ہاتھ میں جام ہے لیکن پینے کا احساس نہیں۔

خاموشیاں اکثر قلم سے لکھی جاتی ہیں۔
اگر دل میں اندھیرا نہ ہو۔
روشنی سے کوئی امید نہیں، لاکھ
حروف تہجی میں اپنے آپ کی جانچ پڑتال کریں
تلاش کرنا، جلے ہوئے رشتوں سے
لیکن روشنی نہیں چمکتی!

خاموشی تھی کوئی سایہ نہیں تھا
اس شہر میں مجھ جیسا کوئی نہ تھا
کسی ظلم نے ہم سے ہماری محبت چھین لی
ہم نے کسی کی دل آزاری نہیں کی۔

خاموشی ویسا ہی رہی عمر کے فرق
وقت گزرنے کے ساتھ ساتھ یہ مزید خوبصورت ہوتا گیا۔

بہت ڈنک ہے مجھے تیر کی طرح
مگر تیری تصویر کی طرح خاموش رہتا ہوں

وہ میری خاموشی میں بھی کہانی ڈھونڈتی ہے
بہت چالاک ہے یہ دنیا بہانے ڈھونڈتی ہے
حقیقت بکھرنے پر اصرار کرتی ہے۔
لیکن پھر ہر آنکھ خواب کو خوشگوار پاتی ہے۔
لیتا ہے.

میری زندگی میں میرے دوست
بہت ہنسا، گھر کی ضروریات نے مجھے بنایا
چہرے پر صرف خاموشی لے آئی۔

انسان بہت مجبور ہو جاتا ہے…
جب وہ کسی کا بھی نہیں ہو سکتا…
اور اسے کھو بھی نہیں سکتا۔

مجھے جب وہ خاموش ہے
دنیا میں سب سے مہنگی چیز
اس کی آواز آتی ہے..

teri khamoshi shayari

चुप रहो, यह अलग बात है कुछ दर्द ऐसे होते हैं
जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है
दो ही साथी बचे हैं अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है!

हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती
कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है

सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !

खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है,
मेरा हर दर्द और हर आह समझती है !

खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !

मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !

मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !

जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.

खामोशियाँ वही रही ता-उम्र दरमियाँ,
बस वक़्त के सितम और हसीन होते गए।

अल्फाज को रखा है हमने
इश्क के हिफाजत मैं
खामोशी लापरवाह है
अक्सर रिश्ते खो देती हैं..!

khamoshi sad shayari

ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है!

जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है!

मुझे खामोश राहों में तेरा साथ चाहिए
तन्हा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए
जूनून ए इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए
मुझे जीने के लिए तेरा ही प्यार चाहिए!

खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है
पता है मजबूर है तू और में भी
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है!

प्यार कोई बोल नहीं प्यार आवाज नहीं
इक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है!

जो सुनता हूँ सुनता हूँ मैं अपनी ख़मोशी से
जो कहती है कहती है मुझ से मेरी ख़ामोशी!

किताबों से ये हुनर सिखा है हमने
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!!

दर्द को दूर ले जाता है
ख़ामोशी अनावश्यक नहीं है

सूरज घाटियों से बाहर आ गया है
फूलों में एक नए रंग की छटा है
तुम चुप क्यों हो अब मुस्कुराओ
तेरी मुस्कान देखने के लिए एक नया सवेरा आया है!

जिन्हों ने सजाये यहा मेले सुख दुख संग संग
झेले वही चुनकर खामोशी यूँ चले जाये अकेले !!

चुप्पी के तहत भ्रम छुपाएं
क्योंकि शोर कभी भी मुश्किलों को कम नहीं करता !!

हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते!

बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है!

चेहरा पढ़ोगे तो जान जाओगे
मौन का क्या अर्थ है?

khamoshi shayari urdu

یہ طوفان صرف نہیں آیا
اس سے پہلے کہ وہ دستک دیتا
یہ منظر جو تیز طوفانوں کا نظر آتا ہے۔
پہلے یہاں بھی خاموشی تھی!

خاموشی سے گزر جاؤ
ہم ایک دوسرے کے قریب ہیں
پھر بھی دلوں کا شور سنائی دیتا ہے۔

ہم خاموشی سے جواب دیتے ہیں۔
کون کہتا ہے ہم اب بات نہیں کرتے!

اگر آپ کی خاموشی آپ کی مجبوری ہے۔
تو رہنے دو، کون سی محبت ضروری ہے!

خاموشی سب کچھ بتاتی ہے
جب کسی سے دل کا رشتہ جڑ جائے!

حالانکہ ساری دنیا میں محبت کے چرچے ہیں۔
لیکن دل ٹوٹتے ہیں خاموشی سے!

مجھے جب وہ خاموش ہے
دنیا میں سب سے مہنگی چیز
یہ ان کی طرح لگتا ہے!

ہماری محبت آخری عمر میں ادھوری رہی ہو گی۔
ورنہ تیری اس جنم کی خاموشی مجھے اتنا بے چین نہ کرتی!

وہ اب ہر چیز کا مطلب پوچھتا ہے۔
جو کبھی میری خاموشی کی تفصیل لکھتا تھا!

khamoshi alfaaz shayari

ये तुफान यूँ ही नहीं आया है
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी!

बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है

हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते!

तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मज़बूरी है
तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है!

खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से!

इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं!

जब वो खामोश होती है तब मुझे
दुनिया की सबसे महँगी चीज
उनकीआवाज़ लगती है!

हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती !

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!

जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है
दो ही साथी बचे हैं अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है!

इश्क की राहों में जिस दिल ने शोर मचा रखा था
बेवफाई की गलियों से आज वो खामोश निकला!

khamoshi ki shayari

अजीब है मेरा अकेलापन
ना खुश हूँ, ना उदास हूँ
बस अकेला हूँ और खामोश हूँ…!!!

राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।

जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.

ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.

जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.

उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.

तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.

बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।

khamoshi shayari 2 line

खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !

कभी ख़ामोशी बनते हैं कभी आवाज बनते है
हर तन्हाई के साथी मेरे जज्बात बनते हैं !

खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है,
मेरा हर दर्द और हर आह समझती है !

पता है मजबूर है तू और मै भी
फिर भी आंखें तेरे दीदार को तरसती है !

क्यों करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत,
लोग समझते हैं इस बदनसीब का कोई नहीं !

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !

सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !

हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती
कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है

तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है !

किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !

तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए !

मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !

मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !

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मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.

लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.

बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.

उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.

राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.

चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.

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ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.

दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.

जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.

जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.

कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।

दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।

किताबों से ये हुनर सिखा है हमने
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!!

भूल गए हैं लफ्ज़ मेरे लबों का पता जैसे
या फिर खामोशियों ने जहन में पहरा लगा रखा है!

जब से उसकी सच्चाई हमारे पास आई
हमारे होठों को तब से खामोशी पसंद है!

जब से ये अक्ल जवान हो गयी
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी!

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मेरी इस खामोशी को
मेरी कमजोरी समझने वालो
बस हमने शौक नही पाना
घाव के निशान देने वालो..!

वो मुकम्मल था मेरी
चाहत ने कही मैं अधूरी थी
उसकी ख़ामोशी में कही..!

तमाम शिकायते
इस दिल की भी है
तुझसे पर किस हक
से नाराजगी जताऊं
बस यही सोचकर हर
बार खामोश रह जाता हूं..!

रह लेती थी खामोश
अक्सर क्योकि
मुझे अपने गमो की
नुमाइश ना मंजूर थी..!

खामोश होंठ अक्सर
कुछ बयान करते है
आंखों से आंसू गुमनाम बह जाते है
लव चाहते है कुछ बोलना पर
उन्हे देखकर खामोश हो जाते है..!

कुछ तो है हमारे बीच में,
वरना तू खामोश ना होता,
और मैं तेरी खामोशी
पढ़ नहीं रही होती !

चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्तां सुनकर
ख़ामोशी तुम समझोगे नही और
बयां हमसे होगा नही !

चाहतों ने किया मुझ पर ऐसा असर
जहाँ देखू में देखु तुझे हमसफ़र
मेरी खामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी
मेरी वैचानिया मेरी दास्तान बन गयी !

रहना चाहते थे साथ उनके पर इस ज़माने ने रहने ना दिया
कभी वक़्त की खामोशी मे ख़ामोश रहे तो
कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया !

खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है
पता है मजबूर है तू और में भी
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है!

khamoshi hi behtar hai shayari

एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए!

तन्हाइयों से परहेज़ कुछ यूँ भी है
की ख़ामोशी में तेरी आवाज़ सुनाई देती है !

मुझे खामोश देखकर तुम इतने हैरान क्यों हो?
कुछ हुआ नहीं है, सिर्फ भरोसा करके धोखा दिया है!

हम लबों से कह न पाये उन से हाल ए दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है!

ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है!

हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है
हम हर बार खामोश रह जाते है
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है!

khamoshi shayari two lines

खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से!

तूफान से पहले की खामोशी की तरह
मिरी बस्ती में आज है ऐसा सन्नाटा!

हम एक लंबी चुप्पी से गुजरे हैं
किसी से कुछ कहने की कोशिश !!

दुनिया के लोगों ने हमारे कारनामों का शोर मचाया है
जब भी हमने कुछ किया है, मौन में किया है!

कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था मौसम
आज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है!

ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है!

हम उनसे मुहब्बत नहीं बता पाए हल-ए-दिल कभी
और उसे समझ में नहीं आता कि यह चुप्पी क्या है!

खामोशियाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं !

बड़े ही पक्के होते हैं सच्ची दोस्ती के रंग
ज़िंदगी के धूप में भी उड़ा नहीं करते !

khamoshi wali shayari

ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो
आँखों की ज़बाँ से बोलना भी सीखो!

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!

हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती!

हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।

इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं!

खामोशी शायरी attitude

दुश्मन तोह बहुत है पर वो कहते है ना
शेर का शिकार कुत्तों से नहीं होता

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