Rahat indori Shayari – दोस्तो आज हम आप सभी के लिए राहत इंदौरी जी की बहुत ही लोगप्रिय शायरीय ले कर आया हु
दोस्तो इनके बारे मे मुझे बताने की तो जरूरत नही होगी क्योकि, आज के समय मे इनको कोन नही जनता होगा
इन महान इंसान के बहुत ही पसंदीदा शायरी हम आप सभी के साथ share कर रहे हैं उम्मीद हैं आप सभी को पसंद आएगी
love poetry in Hindi | Kiss Shayari |
2 Line Love Shayari in Hindi | Love Shayari Images |
miss u shayari | Whatsapp Status Romantic Love |
rahat indori shayari in hindi
अफवाह थी मेरी तबीयत खराब है,
लोगों ने पूछ-पूछ के बीमार कर दिया,
दो ग़ज़ सही मगर ये मेरी मिलकीयत है,
ये मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।
मैंने दिल देकर उससे की थी वफ़ा की इब्तिदा,
उसने धोका देके ये किस्सा मुक्कमल कर दिया।
शहर में चर्चा है आखिर ऐसी लड़की 💃कौन है,
जिसने अछे-खासे एक शहर को पागल कर दिया।
हाँथ खाली है तेरे शहर से जाते-जाते,
जान होती तो मेरी जान, लुटाते जाते,
अब तो हर हाँथ ✋ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजारी है तेरे शहर में आते-जाते।
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,
फिर न जाने क्यों बदल जाते है।
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें।
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं,
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं।
मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है,
और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है,
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन
आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।
motivational rahat indori shayari
आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो
राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें
रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं
बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ.
उसकी याद आई हैं, साँसों ज़रा धीरे चलो,
धड़कनो से भी इबादत में , खलल पड़ता हैं.
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते.
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं,
चाँद पागल हैं अंधेरे में निकल पड़ता हैं.
दोस्ती जब किसी से की जाये,
दुश्मनों की भी राय ली जाए,
बोतलें खोल के तो पि बरसों.,
आज दिल खोल के पि जाए.
छू गया जब कभी ख़याल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में,
और घर देर तक महकता रहा.
तूफ़ानों से आँख मिलाओ,
सैलाबों पर वार करो,
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो,
तैर के दरिया पार करो,
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे.
rahat indori best shayari
कभी दिमाग, कभी दिल, कभी नजर मे रहो,
ये सब तुम्हारे ही घर हैं, किसी भी घर मे रहो।
क्या करेगा वो समझकर की सियासत क्या है,
जिसने ये जान लिया है, की मोहब्बत क्या है।
किसी को खोकर भी,
सिर्फ उसी को चाहते रहना,
हर किसी के बस की बात नहीं।
तेरी कुछ बात ही अलग है,
वरना मै अपने आप से भी
कम ही मिलता हूँ।
छु गया जब कभी खयाल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता राहा,
कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में,
और घर देर तक महकता राहा।
एक-एक हर्फ़ का अंदाज बदल रखा है,
आज से मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रखा है,
मैंने शाहों की मोहब्बात का भरम तोड़ दिया,
मेरे कमरे में भी एक ताजमहल 🛕 रखा है।
उसकी याद आई है, साँसों जरा आहिस्ता चलो,
धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है।
हर नज़र को तू नजर आये, ऐसा इत्तेफाक कर दे।
सबके अंदर मैं तुझको देखूँ, मेरी निगाह पाक कर दे ।
झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जावो,
पर हर बार आपको ही झुकना पड़े, “तो रुक जावो”।
समुंदरों के सफर में हवा चलता है,
जहाज खुद नहीं चलते, खुदा चलाता है।
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं,
ये कैचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी,
rahat indori ki shayari
यूं तो हर फूलों पे लिखा है की तोडो मत,
दिल मचलता है तो कहता है, “छोड़ो मत”
थक गया हूँ तेरी नौकरी से जिंदगी,
मुनासिब होगा अगर, मेरा हिसाब कर दे
ऐसी सर्दी है की सूरज 🌞 की दुहाई मांगों,
जो हो परदेश में वो, किसी से राजाई मांगों।
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाए वो पत्ते 🍂 नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात मे रहें।
खाक से बड़कर कोई दौलत नहीं होती,
छोटी-मोटी बात पे हिजरत नहीं होती,
पहले दीप जले तो चर्चे होते थे,
अब शहर जले तो हैरत नहीं होती।
हौसले ज़िंदगी के देखते हैं,
चलिये कुछ रोज जी के देखते हैं,
नींद पिछली सदी की जख्मी है,
ख्वाब 👁️ अगली सदी के देखते हैं।
फूलों 💐 की दुकाने खोलो,
खुशबू का व्यापार करो।
इश्क खता हैं, तो ये खता
एक बार नहीं, सौ बार करो।
राह के पत्थर से बढ़के, कुछ नहीं है मंजिले
रास्ते आवाज देते हैं, सफर जारी रखो।
दिलों मे आग लबों पर गुलाब रखते हैं,
सब अपने चेहरों पे दोहरी नकाब रखते हैं।
आँखों मे पानी रखो, होंठों पे चिंगारी रखो,
जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो
सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे
shayari rahat indori
आते जाते हैं कई रंग मिरे चेहरे पर
लोग लेते हैं मज़ा ज़िक्र तुम्हारा कर के
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के
आसमानों की तरफ़ फेंक दिया है मैं ने
चंद मिट्टी के चराग़ों को सितारा कर के
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भँवर है जिस की
तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के
मुंतज़िर हूँ कि सितारों की ज़रा आँख लगे
चाँद को छत पुर बुला लूँगा इशारा कर के
बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए
अल्लाह बरकतों से नवाज़ेगा इश्क़ में
है जितनी पूँजी पास लगा देनी चाहिए
दिल भी किसी फ़क़ीर के हुजरे से कम नहीं
दुनिया यहीं पे ला के छुपा देनी चाहिए
जुबां तो खोल, नज़र तो मिला , जवाब तो दे,
मै कितनी बार लूटा हूँ, मुझे 🧾 हिसाब तो दे,
तेरे बदन की लिखावट में है उतार-चढाव
मैं तुझको कैसे पढ़ूँगा, मुझे किताब तो दे।
शिकायत तो बहुत है ये जिंदगी, पर चुप इसीलिए हूँ क्यूंकि,
जो दुनिया तूने दी है, वो भी बहुतों को नसीब नहीं होती।
rahat indori love shayari
रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का
इरादा मैं ने किया था कि छोड़ दूँगा उसे
बदन चुरा के वो चलता है मुझ से शीशा-बदन
उसे ये डर है कि मैं तोड़ फोड़ दूँगा उसे
पसीने बाँटता फिरता है हर तरफ़ सूरज
कभी जो हाथ लगा तो निचोड़ दूँगा उसे
मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के
दिल के बाज़ार में बैठे हैं ख़सारा कर के
shayari of rahat indori
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।
जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए,
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए।
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो
आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में
कूच का ऐलान होने को है तय्यारी रखो
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे
नींद रखो या न रखो ख़्वाब मेयारी रखो
ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो
ले तो आए शाइरी बाज़ार में ‘राहत’ मियाँ
क्या ज़रूरी है कि लहजे को भी बाज़ारी रखो
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
एक दीवाना मुसाफ़िर है मिरी आँखों में
वक़्त-बे-वक़्त ठहर जाता है चल पड़ता है
अपनी ताबीर के चक्कर में मिरा जागता ख़्वाब
रोज़ सूरज की तरह घर से निकल पड़ता है
rahat indori shayari in english
Writes ghazals in favor of stone every day
Every day some work comes out of the mirrors
I remember him
Even the beats disturb the prayer.
Somewhere along I will shake him
Wherever it’s broken, I’ll connect it
He left me, it’s amazing of him
I had intended to leave him
The sun spreads everywhere
I’ll squeeze whatever I ever get
I have also believed in the world after having tasted the fun.
I thought I would leave her like that
He walks by stealing my body
She is afraid that I will break her
I remember him
Even the beats disturb the prayer.
when friendship is made
Enemies should also be consulted
Neither Hum-Jour nor any Hum-Nasha will come out
The thorn in our foot will come out of us
If you break with branches, they are not leaves.
Somebody can tell from the storm that stays in place
Keep water in your eyes, keep a spark on your lips
If you want to survive, keep many tricks
By taking everything in your love
Are sitting in the market of the heart doing money
dr rahat indori shayari
जब लगे पैसे कमाने तो समझ आया,
सुख तो मा-बाप के पैसों से पूरे होते है,
अपने पैसों से तो, जरूरत पूरी होती है।
एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों,
दोस्ताना ज़िंदगी से, मौत से यारी रखो।
बादशाहों से भी फेके हुये सिक्के ना लिए हमने,
खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से।
ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी
की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं
ये जा के मील के पत्थर पे कोई लिख आये
वो हम नहीं हैं, जिन्हें रास्ता चलाता है
लोग हर मोड़ पर रुक – रुक के संभलते क्यों है
इतना डरते है तो फिर घर से निकलते क्यों है
तुफानो से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो
मल्लाहो का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करो
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो।
ये सहारा जो नहीं हो तो परेशान हो जाएँ,
मुश्किलें जान ही लेलें अगर आसान हो जाएँ,
ये जो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं,
मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएँ तो इंसान हो जाएँ।
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए,
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।
rahat indori sad shayari
तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो,
वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो,
सितम करो तो मिसाल कर दो,
करम करो तो कमाल कर दो।
धनक है, रंग है, एहसास है की खुशबू है,
चमक है, नूर है, मुस्कान है के आँसू है,
मैं नाम क्या दूं उजालों की इन लकीरों को
खनक है, रक्स है, आवाज़ है की जादू है।
प्यार के उजाले में गम का अँधेरा क्यों है,
जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है,
मेरे रब्बा अगर वो मेरा नसीब नहीं तो,
ऐसे लोगो से हमे मिलता क्यों है।
मैं एक गहरी ख़ामोशी हूँ आ झिंझोड़ मुझे,
मेरे हिसार में पत्थर-सा गिर के तोड़ मुझे,
बिखर सके तो बिखर जा मेरी तरह तू भी,
मैं तुझको जितना समेटूँ तू उतना जोड़ मुझे।
फैसला जो कुछ भी हो, मंज़ूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क़ हो, भरपूर होना चाहिए।
जहाँ से गुजरो धुआं बिछा दो,
जहाँ भी पहुंचो धमाल कर दो,
तुम्हें सियासत ने हक दिया है,
हरी जमीनों को लाल कर दो।
किसने दस्तक दी है दिल पर कौन है ,
आप तो अंदर हैं, बाहर कौन है।
जो छेड़ दे कोई नगमा तो खिल उठें तारे,
हवा में उड़ने लगी रोशनी के फव्वारे,
आप सुनते ही नजरों में तैर जाते हैं,
दुआएं करते हुए मस्जिदों के मीनारें।
rahat indori famous shayari
तुम्हें किसी की कहाँ है परवाह,
तुम्हारे वादे का क्या भरोसा,
जो पल की कह दो तो कल बना दो,
जो कल की कह दो तो साल कर दो।
जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से
फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से,
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए
हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से।
कम नहीं हैं मुझे हमदमों से,
मेरा याराना है इन गमों से,
मैं खुशी को अगर मुंह लगा लूं,
मेरे यारों का दिल टूट जाए।
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए।
यही ईमान लिखते हैं, यही ईमान पढ़ते हैं,
हमें कुछ और मत पढवाओ, हम कुरान पढ़ते हैं,
यहीं के सारे मंजर हैं, यहीं के सारे मौसम हैं,
वो अंधे हैं, जो इन आँखों में पाकिस्तान पढ़ते हैं।
दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं,
सब अपने चहेरों पर, दोहरी नकाब रखते हैं,
हमें चराग समझ कर भुझा ना पाओगे,
हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं।
जा के ये कह दे कोई शोलों से चिंगारी से इश्क़ है
फूल इसबार खिलेगी बड़ी तैयारी है
मुदात्तो क बाद यु तब्दिल हुआ है मौसम
जैसे छुटकारा मिली हो बीमारी से।
rahat indori shayari hindi
शहरों में तो बारुदों का मौसम है,
गांव चलो अमरूदों का मौसम है,
सूख चुके हैं सारे फूल फरिश्तों के,
बागों में नमरूदों का मौसम है।
लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूँ,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूँ,
दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूँ।
नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं,
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं,
जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं।
तेरी हर बात मोहब्बत में गँवारा करके,
दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके,
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं,
यह क्या हमें उड़ने से खाक रोकेंगे
कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।
मेरी ख्वाहिश है कि आंगन में न दीवार उठे,
मेरे भाई, मेरे हिस्से की जमीं तू रख ले
कभी दिमाग, कभी दिल, कभी नजर में रहो,
ये सब तुम्हारे घर हैं, किसी भी घर में रहो।
साँसों की सीडियों से उतर आई जिंदगी,
बुझते हुए दिए की तरह जल रहे हैं हम,
उम्रों की धुप, जिस्म का दरिया सुखा गई,
हैं हम भी आफताब, मगर ढल रहे हैं हम।
rahat indori motivational shayari
अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं,
मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था,
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं।
तन्हाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वही से शुरू होती है ज़िन्दगी हमारी,
नहीं सोचा था चाहेंगे हम तुम्हे इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किस्मत हमारी।
सफ़र की हद है वहाँ तक की कुछ निशान रहे,
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे,
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।
है सादगी में अगर यह आलम,
के जैसे बिजली चमक रही है,
जो बन संवर के सड़क पे निकलो,
तो शहर भर में धमाल कर दो।
अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ,
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ,
फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं, शहरों में फ़साने मेरे।
हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं,
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं,
जो दुनिया में सुनाई दे उसे कहते हैं खामोशी,
जो आँखों में दिखाई दे उसे तूफान कहते हैं।
साँसे हैं हवा दी है, मोहब्बत है वफ़ा है,
यह फैसला मुश्किल है कि हम किसके लिए हैं,
गुस्ताख ना समझो तो मुझे इतना बता दो,
अपनों पर सितम है तो करम किसके लिए हैं।
best rahat indori shayari
ये दुनिया है इधर जाने का नईं,
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,
मगर हद से गुजर जाने का नईं।
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं,
ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी,
की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूँ,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूँ,
दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूँ।
ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था,
मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था।
सरहदों पर तनाव हे क्या,
ज़रा पता तो करो चुनाव हैं क्या,
शहरों में तो बारूदो का मौसम हैं,
गाँव चलों अमरूदो का मौसम हैं।
कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे,
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे,
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का,
इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे।
छू गया जब कभी ख़याल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में,
और घर देर तक महकता रहा।
rahat indori romantic shayari
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं,
चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं,
उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो,
धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं।
शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए,
ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए।
लवे दीयों की हवा में उछालते रहना,
गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना,
में नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा,
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना।
जवानिओं में जवानी को धुल करते हैं,
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं,
अगर अनारकली हैं सबब बगावत का,
सलीम हम तेरी शर्ते कबूल करते हैं।
अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं,
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।
मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थ।
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।
जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए,
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए।
rahat indori shayari on love
इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है,
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।
मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए,
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं।
जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे,
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।
फूलों की दुकाने खोलो , खुसबू का व्यापार करो,
इश्क़ खता है तो, इसे एक बार नहीं सौ बार कर।
फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है,
आँधी से कोई कह दे आँधी से के औकात में रहे।
लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है,
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे,
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो।
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।
आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,
मगर हद से गुजर जाने का नईं।
बुलाती है मगर जाने का नईं,
ये दुनिया है इधर जाने का नईं।
दोस्ती जब किसी से की जाये,
दुश्मनों की भी राय ली जाये।
नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से,
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।
best shayari rahat indori
अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहां पर ढूंढ रहे हैं जहां नहीं हूं मैं।
सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ,
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए।
जिंदगी है एक सफर और जिंदगी की राह में,
ज़िन्दगी भी आये तो ठोकर लगानी चाहिए।
सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए,
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए।
राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना,
हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं।
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए।
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ।
मेरे अधूरे शेर में थी कुछ कमी मगर,
तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।
ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,
के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।
सब प्यासे हैं सबका अपना ज़रिया है, बढ़िया है,
हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है।
सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का,
वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।
love shayari rahat indori
इस बार एक और भी दीवार गिर गयी,
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया।
मेरे हुजरे में नहीं, और कंही पर रख दो,
आसमां लाए हो, ले आओ, ज़मीन पर रख दो
अरे यार कहां ढूंढने जाओगे हमारे कातिल
आप तो कत्ल का इल्ज़ाम हमी पर रख दो
तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो
उस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है
बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूं
तूफ़ानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो
मल्लाह का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो
फूलों की दुकानें खोलो, ख़ुशबू का व्यापार करो
इश्क़ खता है, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो
हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते है
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं
जो ये दीवार का सुराख है साज़िश है लोगों की,
मगर हम इसको अपने घर का रोशनदान कहते हैं
कल तक दर दर फिरने वाले,
घर के अंदर बैठे हैं और
बेचारे घर के मालिक, दरवाजे पर बैठे हैं,
खुल जा सिम सिम, याद है किसको,
कौन कहे और कौन सुने?
गूंगे बाहर सीख रहे हैं, बहरे अंदर बैठे हैं
rahat indori best shayari in hindi
बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा,
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा।
जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से,
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से।
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो,
बहरों का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो।
इसे तूफां ही किनारे से लगा देते हैं,
मेरी कश्ती किसी पतवार की मोहताज नहीं।
शहरों में बारूदों का मौसम है,
गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।
अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए,
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए।
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे,
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के।
गम सलामत हैं तो पीते ही रहेंगे लेकिन,
पहले मयखाने की हालात तो संभाली जाए।
नींदो से जंग होती रहेगी तमाम उम्र,
आँखों में बंद ख्वाब अगर खुल के आ गए।
इन्तेज़ामात नए सिरे से संभाले जाएँ,
जितने कमजर्फ हैं महफ़िल से निकाले जाएँ।
सितारों की फसलें उगा ना सका कोई,
मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे।
वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा,
दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।
LATEST IMAGES और SHAYARI पाने के लिए हमारे FACEBOOK PAGE को LIKE करे. अगर आपको Rahat Indori Shayari | राहत इंदोरी शायरी पसंद आये तो इसे अपनी प्रियजनों को शेयर करे. और हमें COMMENT BOX में COMMENT करके